WWI में जहरीले रासायनिक हथियारों का पहला बड़े पैमाने पर उपयोग हुआ। नियोजित रासायनिक हथियारों के कई प्रकार हैं : आंसू गैस जैसे घातक एजेंटों जैसे कि फॉसजीन, कोरीन और मस्टर्ड गैस, इत्यादि। जर्मनी ने पहली बार 2 जनवरी, 1915 को एक हत्या एजेंट के रूप में क्लोरीन का इस्तेमाल किया। जर्मन मेजर कार्ल वॉन ज़िगलर ने अपने फील्ड पोस्ट लेटर में बताया कि उस दिन 140 अंग्रेज अधिकारी मारे गए थे। उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा कि "यह एक भयानक हथियार है"।

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