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प्रथम विश्व युद्ध में इकलौते बेटे को खोने के बाद कौन सा लेखकऔर कवि इंपीरियल वॉर ग्रेव्स कमिश्नर बना?
रुडयार्ड किपलिंग (30 दिसम्बर 1865 - 18 जनवरी 1936) एक ब्रिटिश लेखक और कवि थे। ब्रिटिश भारत में बंबई में जन्मे, किपलिंग को मुख्य रूप से उनकी पुस्तक द जंगल बुक(1894) (कहानियों का संग्रह जिसमें रिक्की-टिक्की-टावी भी शामिल है), किम 1901 (साहस की कहानी), द मैन हु वुड बी किंग (1888) और उनकी कविताएं जिसमें मंडालय (1890), गंगा दीन (1890) और इफ- (1910) शामिल हैं, के लिए जाने जाते हैं। उन्हें "लघु कहानी की कला में एक प्रमुख अन्वेषक" माना जाता है उनकी बच्चों की किताबें बाल-साहित्य की स्थाई कालजयी कृतियाँ हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ कार्य एक बहुमुखी और दैदीप्यमान कथा को प्रदर्शित करते हैं।
किपलिंग के इकलौते बेटे जॉन का 1915 में बेटल ऑफ लूज में मृत्यु हो गई जिसके बाद उन्होंने "अगर कोई सवाल हम क्यों मरे का है / उन्हें बताओ, क्योंकि हमारे पिता ने झूठ बोला" लिखा था। (किपलिंग के बेटे की मौत से प्रेरित उनकी कविता "माइ बॉय जैक" था और यह घटना माइ बॉय जैक नाटक के लिए आधार बन गया था और उसके बाद इसे वृत्तचित्र [Rudyard Kipling: A Remembrance Tale ] के साथ टीवी रुपांतरण के लिए बनया गया था). ऐसा माना जाता है कि उनके ये शब्द आयरिश गार्ड्स के कमीशन में जॉन की भर्ती में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर किपलिंग के अपराधबोध को प्रदर्शित करते हैं जिसमें उनके बेटे को शुरू में दृष्टि दोष के चलते खारिज कर दिया गया था उसके बावजूद किपलिंग के अत्यधिक प्रभावों के चलते उनके बेटे को केवल 17 साल की उम्र में ही अधिकारी प्रशिक्षण के लिए स्वीकार कर लिया गया था।
और जानकारी:
hi.wikipedia.org
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