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दुनिया की पहली पेपर मनी कहाँ बनाई गयी थी?
कागज़ के आविष्कार का श्रेय अगर चीन को दिया जाता है तो कागज़ी मुद्रा की शुरुआत भी चीन में ही हुई। काग़ज का उत्पादन सीखने की नौ सदियों बाद ही चीन को धातु मुद्रा के इस्तेमाल में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों का निदान भी काग़ज़ में ही सूझा। तांग वंश के शासनकाल में सरकार को यह महसूस होने लगा कि विशाल राज्य में धातु के सिक्कों को एक जगह से दूसरी जगह भेजना बहुत श्रमसाध्य और जोखिम का काम था। हो ये रहा था की विभिन्न टकसालों से सुदूर क्षेत्रों में कारोबारी गतिविधियों को जारी रखने के लिए भारी मात्रा में मुद्रा भेजने की व्यवस्था लगातार करना मुश्किल हो रहा था। यह कहना मुश्किल है कि काग़ज़ी मुद्रा के पीछे किसकी सूझ थी मगर तांग वंश (618-907) के शासनकाल में इसकी शुरुआत का उल्लेख है जिनका साम्राज्य चीन की पूर्वी सीमा से शुरू होकर सुदूर पश्चिमी सीमा तक पसरा था। काग़ज़ी नोट के विकास में सुंग वंश (907-1127) का युग भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
काग़ज़ी मुद्रा की तत्कालीन व्यवस्था बहुत कुछ आज की व्यवस्था जैसी ही थी। शासन की ओर से एक काग़ज़ का खरीता जारी किया जाता था जिस पर उसके बदले भुगतान की जानेवाली राशि दर्ज होती थी। इस राजकीय प्रमाण पत्र को मुद्रा के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता था। आवश्यकता पड़ने पर राजधानी आकर इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान भी प्राप्त किया जा सकता था।
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