एके 47 दुनिया की सबसे पहली और शायद सबसे अच्छी अस्सौल्ट राइफल मानी जाती है। इसका विकास सोवियत संघ के मिखाइल कलाशनिकोव ने किया था, इसी कारण इसे कभी कभी कलाशनिकोव राइफल भी कहा जाता है।

द्वितीय विश्वयुद्ध के समय जर्मन सेना ने असाल्ट राइफल की संकल्पना विक्सित की उन्होंने देखा की ज्यादातर मुठभेडे ३०० मीटर के दायरे के भीतर ही होती थी, जबकि उस जमाने में जो राइफले और कारतूस मिलते थे उनकी शक्ति इतनी कम दूरी की लड़ाई के हिसाब से ज्यादा होती थी। इस लिए सेना ने इस प्रकार की राइफल और कारतूस की मांग की जिसमे सबमशीन के गुण[बड़ी मैगजीन और कई मोड़ पे गोली चलाने की सुविधा हो ] भी हो और यह ३०० मीटर के दायरे में काम करती हो। इसके परिणाम सव्रूप जर्मन सेना की एस टी जी ४४ राइफल सामने आयी हालांकि ये इस प्रकार की पहली राइफल नहीं थी इटली की सेना भी सेई-रिगोटी और सोवियत सेना की फेदारोव एव्तामोट राइफल भी इसी श्रेणी की थी। लेकिन जर्मन सेना ने ये राइफले बड़े पैमाने पे प्रयोग की थी जिस से उन्हें इनका मूल्यांकन करने का मौका मिल गया।

और जानकारी: hi.wikipedia.org