उस समय 70 एम एम के पर्दे पर एक विशालकाय जहाज 'टाइटैनिक' को डूबता देखना अपने आप में एक अद्भुत अनुभव था और दूसरा इस फ़िल्म की हीरोईन केट विंस्लेट, जो ज़ीरो फ़िगर कतई नहीं थी और भारतीय सुंदरता के मानकों के हिसाब से एकदम आदर्श 'सुंदरी' थी.

टाईटैनिक को केट की पहली फ़िल्म मानने वाले भी कई लोग आपको मिल जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं है, वो 11 साल की उम्र से ही थिएटर की शिक्षा दीक्षा में लग गई थीं और टाइटैनिक से पहले 1994 में वो अपनी पहली फ़िल्म 'हेवनली क्रिएचर्स' के लिए काफ़ी सारी तारीफ़े और अवॉर्ड बटोर चुकी थीं.

लेकिन एक बात जो आज भी उनके साथ जुड़ी है, वो है टाइटैनिक, वो ऑस्कर जीत चुकी हैं, टाइटैनिक को 20 साल पीछे छोड़ चुकी हैं लेकिन आज भी उन्हें फ़िल्म स्क्रीन पर देखकर मन में वॉयलिन की वही धुन बजती है और सिलीन डियोन का वो गाना याद आ जाता है - माई हार्ट विल गो ऑन...वो लाल बालों वाली लड़की भूलती नहीं जो आज 42 साल की हो गई है.

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