डच चित्रकार विन्सेंट वान गॉग की अपना कान काटने की बदनाम हरकत को एक डॉक्यूमेंटरी में भली भांति दर्शाया गया है, लेकिन उनके इस कृत्य का पुख्ता सबूत देती एक नयी किताब में पहली बार उस महिला की पहचान बताई गई है जिसे चित्रकार ने यह ‘भयानक' उपहार दिया था. किताब के प्रकाशक पेंगुइन इंडिया ने बताया ‘वान गॉग ईयर : द ट्रू स्टोरी' के लेखक ब्रिटेन में जन्मे बर्नाडेट मर्फी ने किताब में ‘चित्रकार के मानसिक रूप से बुरी तरह टूट जाने के बारे में इससे पहले के अप्रकाशित साक्ष्यों का खुलासा किया है.'

मौजूदा धारणाओं के मुताबिक, ‘स्टारी नाइट' जैसे प्रतिष्ठित चित्र की रचना करने वाले प्रभाववाद बाद काल के चित्रकार ने 1888 में दिसंबर की सर्द रात में ब्लेड से अपनी कान काट ली थी और अपने इस कटे हुए अंग को रशेल नाम की एक वेश्या को उपहार में दे दिया था, जिसके पास वह और उनके एक साथी फ्रांसीसी सहयोगी पॉल गॉगियम जाया करते थे. फ्रांस में आधुनिक काल (1886 से 1905) के पनपने और कला आंदोलन के काल को प्रभाववाद बाद का काल कहा जाता है और वान गॉग इसी काल के कलाकार हैं. बहरहाल, मर्फी ने अपनी इस किताब में ‘रशेल मिथक' का रहस्योद्घाटन किया है.

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