पीले भूरे रंग के जानवर की झलक देखकर सोचा कि वह बस इम्पाला (अफ्रीकी हिरण) होगा।

क्योंकि ये संक्रामित किलनियाँ अकसर हिरणों पर सवारी करतीं, भोजन करतीं और जोड़ा बनातीं हैं और क्योंकि अधिकाधिक लोग ग्रामीण क्षेत्रों में बस रहे हैं जहाँ हिरण फल-फूल रहे हैं, इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि लाइम रोग के पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है।

चिकारा और हिरण, दोनों अपनी खूबसूरती और चंचलता के लिए जाने जाते हैं।

इन साज-समानों में “पशुओं की नक्काशी” की गयी है जिसमें घोड़ों, उकाबों, बाज़ों, बिल्लियों, तेंदुओं, बारहसिंगों, हिरणों, कल्पित पक्षियों और सिंहों (ये ऐसे मनगढ़ंत प्राणी हैं जिनका शरीर पंखवाले या बिना पंखवाले एक जानवर का और सिर किसी दूसरे जानवर का होता है) की नक्काशी शामिल है।

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