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खमीरवाले ब्रेड का सबसे पुराना और सबसे मूल रूप क्या है?
आजकल विश्व के लगभग सारे देशों में डबलरोटी (ब्रेड) का उपयोग हो रहा है। लेकिन आधुनिक लोगों की पसंदीदा डबलरोटी आज से नहीं सदियों पहले से अस्तित्व में है। कहते हैं कि ईसा से 3000 वर्ष पूर्व मिस्र में डबल रोटी की शुरूआत हुई थी। वहां के लोग गुंधे हुए आटे में खमीर मिली टिकिया को भट्टी में पकाकर डबलरोटी बनाते थे। इस प्रकार डबलरोटी बनाने के नमूने मिस्र के मकबरों में मिलते हैं।
अलग-अलग देशों में अलग-अलग पदार्थों से डबलरोटी तैयार की जाती है। कहीं नमक मिले आटे या मैदा से, तो कहीं आलू, मटर, चावल या जौ का आटा मिलाकर इसे बहुत स्वादिष्ट बनाने का प्रयास किया जाता है। डबलरोटी के आटे में मिला खमीर पकाए जाने पर गैस बनाता है, जो बुलबुले के रूप में फटकर बाहर निकलती है। इसी कारण डबलरोटी में सुराख होते हैं। आदि मानव गेहूं के दानों को भिगोकर, पत्थर पर पीस लेता था। फिर उस लुगदी को अंगारों या गरम पत्थर पर सेंक लिया करता था।
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