विज्ञापन
तस्वीर में जो वस्तु है वह क्या है?
यदि आप इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयरिंग और मोबाइल रिपेयरिंग का काम करते हैं तो आपको मल्टीमीटर की जानकारी होनी चाहिए। मल्टी मीटर एक ऐसा मीटर है जिससे वोल्ट, करंट और रेजिस्टेंस तीनों ही मापा जा सकता है। जिस तरह से मीटर को हिंदी में मापक यन्त्र कहा जाता है ठीक उसी तरह से मल्टीमीटर को भी हिंदी में बहुमापी यन्त्र कहा जाता है। मल्टीमीटर का आविष्कार 19वीं शताब्दी में ही किया जा चुका था लेकिन 20वीं शताब्दी में ये पूर्ण रूप से अस्तित्व में आया।इलेक्ट्रिकल मैकेनिक की सुविधा के अनुसार मल्टीमीटर को 2 प्रकार से बनाया गया है। इन दोनों ही मल्टी मीटर के कार्य करने में कोई अंतर नहीं है इसलिए जिन मैकेनिक को जिस किसी भी मल्टीमीटर का इस्तेमाल सुविधाजनक लगे, वो मैकेनिक उस मल्टीमीटर को खरीद सकते हैं।जिस मल्टी मीटर में मापी जा रही राशियों को पढ़ने के लिए सुई लगा होता है उसे एनालॉग मल्टीमीटर कहा जाता है। अर्थात सुई वाले मल्टी मीटर को ही एनालॉग मल्टीमीटर कहा जाता है। बिना रोटरी वाला एनालॉग मल्टीमीटर आता था जिसमें (-) वाले प्लग को कॉमन रखा जाता था। रोटरी वाला एनालॉग मल्टीमीटर में (+) और (-) दोनों ही प्लग को मल्टीमीटर में फिक्स करके लगा दिया जाता है। और अलग-अलग राशियों को मापने के लिए रोटरी का इस्तेमाल किया जाता है। डिजिटल मल्टीमीटर का उपयोग बहुत ही आसान माना जाता है क्योंकि इसके माध्यम से किसी भी इलेक्ट्रिक राशि को मापने के बाद उसे पढने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।
और जानकारी:
www.electguru.com
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन