कॉक्नी लन्दन के कामगारों की विचित्र लेकिन कल्ट बन चुकी भाषा है. इतिहास की दृष्टि से आमतौर पर मज़दूरों के साथ जोड़ कर देखा जाने वाला अंग्रेज़ी का यह संस्करण कहीं न कहीं पिछले सौ-पचासेक सालों से अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंची आधुनिक ब्रिटिश विट और ह्यूमर की जड़ों में है.

लन्दन के ईस्ट एन्ड इलाके में रहने वाले कामगारों की भाषा के तौर पर वि/(कु) ख्यात इस ज़बान की जड़ों तक जाने का रास्ता चौदहवीं सदी के विलियम लैंगलैन्ड और ज्यौफ़्री चॉसर जैसे लोगों की रचनाओं में खोजा जा सकता है. दीगर है कि ‘कैन्टरबरी टेल्स’ लिख चुके ज्यौफ़्री चॉसर को अंग्रेज़ी कविता का पितामह माना जाता है. कॉक्नी शब्द का उद्‍गम coken (यानी मुर्गा) और ey (यानी अंडा) में निहित माना जाता है. इसका अर्थ होता था एक बेडौल और छोटा अंडा यानी कम ज्ञानी इन्सान.

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