इस पंडाल में दरियाई नारियल का बीज दुनिया का सबसे बड़ा बीज है जिसका वजन 30 किलोग्राम है।

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) के वैज्ञानिक डाक्टर शिव कुमार ने बताया कि दरियाई नारियल का पेड़ कोलकाता के भारतीय वनस्पति उद्यान में सन 1894 में लगाया गया था जिसमें 112 साल बाद फूल आया। उन्होंने बताया कि दरियाई नारियल का पेड़ पूर्वी अफ्रीका के केवल दो द्वीप में ही पाया जाता है और यह रेड डाटा लिस्ट में सूचीबद्ध है क्योंकि यह विलुप्त होने के कगार पर है। वर्तमान में यह पादप समुदाय में दुनिया का सबसे बड़ा बीज है।

डॉक्टर कुमार ने बताया कि इस पेड़ का जीवनकाल 1,000 वर्ष का है और इसमें फूल को फल बनने में 10 वर्ष का समय लगता है। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पंडाल में विश्व के सबसे बड़े बीज के अलावा अति सूक्ष्म बीज भी प्रदर्शित किया गया है जो ऑर्किड का बीज है और यह 799 माइक्रॉन का है। यह माइक्रोस्कोपिक बीज है क्योंकि इसे माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि पंडाल का दूसरा आकर्षण दुनिया के सबसे बड़े वृक्ष की तस्वीर है। लोगों को यहां आकर पता चल रहा है कि विश्व का सबसे बड़ा वृक्ष भारत में ही कोलकाता के वनस्पति उद्यान में मौजूद है जिसकी गोलाई 1.08 किलोमीटर है। डॉक्टर ने बताया कि इस विशालतम बरगद के वृक्ष में 4,000 जड़े हैं और इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पेड़ बगैर मुख्य तने के जीवित है। वर्ष 1925 में इस पेड़ के तने निकाल दिए गए थे।

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