बाहरा विश्वविद्यालय के एमएससी फिजिक्स विभाग के छात्र ने एकॉस्टिक लेविटेटर (ध्वनिक उत्तोलन) का निर्माण किया है। बाहरा विवि के कुलपति डा. सतीश कुमार ने बताया कि अंतिम वर्ष के छात्र आशीष कुमार मिश्रा व अनुराधा भरद्वाज ने इसे कठोर परिश्रम से बनाया। इस उपकरण के जरिए यह प्रदर्शित करने की कोशिश की गई है कि किसी भी वास्तु को लेविटेट कराने के लिए ध्वनि का उपयोग किया जा सकता है। इसकी खासियत है कि यह ध्वनिक उत्तोलन माध्यम के रूप में हवा का उपयोग करता है। आशीष ने बताया कि ध्वनिक लेविटेशन अल्ट्रासोनिक ध्वनि तरंगों, जिनकी मानव श्रव्य सीमा की आवृत्ति 20 केएचजेड है, के माध्यम से किसी भी वस्तु को हवा के मध्य तैराने का तरीका है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा उपयोग की गई आवृत्ति 40 केएचजेड है। ध्वनि तरंगों का उपयोग करके इस उत्तोलन का लाभ यह है कि यह किसी भी प्रकार की सामग्री और तरल को भी उत्तोलित कर सकता है और इसके लिए चुंबकीय लेविटेशन या इलेक्ट्रॉमैट्रिक लेविटेशन की तरह सामग्री को फेरोमैग्नेटिक, डायनामैग्नेटिक या विद्युत रूप से संचालित करने की आवश्यकता नहीं है ।

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