कुत्ता एक ऐसा प्राणी है, जिसकी दृष्टि काफी कमजोर होती है. और उसे थोड़ी दूर की चीज हीं साफ तौर पर दिखाई दे पाती है. ज्यादा दूर तक देख पाने में कुत्ता सक्षम नहीं होता है. एक और खास बात की कुत्ते को भूरा रंग तथा उसकी छाया हीं स्पष्ट रुप से दिखाई देती है.

कुत्ते के देखने की शक्ति कम होती है, जिसे वो अपने सूंघने की शक्ति से पूरा करता है. कुत्ते को एक बार कोई चीज सुंघने को दे दी जाए तो उस गंध को बड़ी आसानी से वो पहचान लेता है. और यही कारण होता है कि कुत्तों को विशेष प्रशिक्षण देकर उनका उपयोग विस्फोटक और नशीले पदार्थ पकड़ने के साथ ही अपराधियों की तलाश के लिए भी किया जाता है.

कुत्तों की नाक के दोनों छेदों में एक क्षेत्र ऐसा होता है जहां लाखों की संख्या में विशेष तरह की संवेदनशील कोशिकाएं होती हैं. और इन कोशिकाओं को कीमोरिसेप्टर कहा जाता है. जिसकी संरचना बालों के जैसी ही होती है. और ये बाल हमेशा म्यूकस नामक तरल पदार्थ से गीले रहते हैं. ये नाड़ियों के जरिए मस्तिष्क से जुड़ी होती है. मस्तिष्क के इस भाग को ऑलफैक्ट्री बल्ब कहा जाता है. यह भाग जितना बड़ा होता है सूंघने की शक्ति भी उतनी ही अधिक होती है. मनुष्य की अपेक्षा कुत्ते का ऑलफैक्ट्री बल्ब कई गुना बड़ा होता है. और इस कारण उसकी सूंघने की छमता भी काफी अधिक होती है.

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