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"द सेकंड सेक्स" किस प्रसिद्ध बीसवीं सदी की फ्रांसीसी महिला ने लिखा है?
द सेकेंड सेक्स (अंग्रेज़ी: The Second Sex, फ़्रांसीसी: Le Deuxième Sexe) सिमोन द बोउआर द्वारा फ़्रान्सीसी भाषा में लिखी गई पुस्तक है जिसने स्त्री संबंधी धारणाओं और विमर्शों को गहरे तौर पर प्रभावित किया है। इसे नारीवाद पर लिखी गयी सबसे उत्कृष्ट और लोकप्रिय पुस्तकों में गिना जाता है। उन्होंने यह किताब 38 साल की उम्र में लिखी थी और इसमें उन्हें 14 महीने का वक़्त लगा था। स्त्री अधिकारवादी विचारधारा वाली सिमोन की यह पुस्तक नारी अस्तित्ववाद को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करती है। यह स्थापित करती है कि "स्त्री जन्म नहीं लेती है बल्कि जीवन में बढ़ने के साथ बनाई जाती है।"। उनकी यह व्याख्या हेगेल की सोच को ध्यान में रखकर “दूसरे” (the other) की संकल्पना प्रदान करती है। उनकी इस संकल्पना के अनुसार, नारी को उसके जीवन में उसकी पसंद-नापसंद के अनुसार रहने और काम करने का हक़ होना चाहिए और समाज में पुरुष से आगे बढ़ सकती है। ऐसा करके वो स्थिरता से आगे बढ़कर श्रेष्ठता की ओर अपना जीवन आगे बढ़ा सकती है। ऐसा करने से नारी को उनके जीवन में कर्त्तव्य के चक्रव्यूह से निकल कर स्वतंत्र जीवन की ओर कदम बढ़ाने का हौसला मिलता हैं। द सेकेंड सेक्स एक ऐसी पुस्तक है, जो यूरोप के सामाजिक, राजनैतिक, व धार्मिक नियमों को चुनौती देती हैं, जिन्होंने नारी अस्तित्व एवं नारी प्रगति में हमेशा से बाधा डाली है और नारी जाति को पुरुषो से नीचे स्थान दिया हैं। अपनी इस पुस्तक में सिमोन द बोउआर ने पुरुषों के ढकोसलों से नारी जाति को लाद कर उनके जीवन में आयी समस्याओं पर सोच न करने की नीति के विषय में अपने विचार प्रदान किये हैं। इसका हिन्दी अनुवाद स्त्री उपेक्षिता नाम से हुआ।
और जानकारी:
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