विज्ञापन
ट्रांजिस्टर के आविष्कार से पहले विद्युत संकेतों को बढ़ाने के लिए किस उपकरण का उपयोग किया गया था?
इलेक्ट्रॉनिकी में निर्वात नली एक ऐसी युक्ति है जिसका कार्य निर्वात में विद्युत धारा के प्रवाह पर आधारित है। इसे एलेक्ट्रॉन नली (उत्तरी अमेरिका), तापायनिक वॉल्व (यूके में) या केवल 'ट्यूब' या 'वॉल्व' भी कहते हैं। इनमें एक तप्त फिलामेण्ट (कैथोड) से निकलने वाले एलेक्ट्रॉन निर्वात में गति करके एनोड पर पहुंचते हैं जो कैथोड की अपेक्षा अधिक वोल्टता पर रखा गया होता है। निर्वात नलियों के प्रादुर्भाव ने एलेक्ट्रॉनिकी के जन्म और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रथम तापायनिक नली को फ्लेमिंग ने सन् 1904 में बनाया था जिसे द्विध्रुवी (Diode) कहते हैं। जैसा पहले ही लिखा जा चुका है, द्विध्रुवी में दो ध्रुव होते हैं। एक ध्रुव इलेक्ट्रान का निस्सारण करता है और दूसरा पहले ध्रुव की अपेक्षा धन विभव पर रखा जाता है, तब विद्युद्धारा प्रवाहित होती है। परंतु यह धारा एकदिश (यूनि-डाइरेक्शनल) होती है।
और जानकारी:
hi.wikipedia.org
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन