पीलिया एक ऐसी अवस्था को कहते हैं, जब मरीज के त्वचा और आंख का सफेद हिस्सा पीला पड़ने लगता है। खून में बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। यह अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह एक बीमारी या परिस्थिति का लक्षण है, जिसमें तत्काल चिकित्सकीय मदद लेने की जरूरत पड़ती है।

बिलिरुबिन एक पीले रंग का पदार्थ है, जो खून में मौजूद लाल रक्त कणिकाओं के 120 दिन के साइकिल के पूरे होने पर टूटने से बनता है। बिलिरुबिन में बिलि होता है, जो लिवर में बनने वाला पाचक तरल पदार्थ होता है और यह गॉल ब्लेडर में रहता है। यह भोजन के अवशोषण और मल के उत्सर्जन में मदद करता है। जब बिलिरुबिन किसी कारण से बिलि के साथ मिश्रण नहीं बना पाता या जब लाल रक्त कणिकाएं सामान्य से कम अवधि में टूटने लगती है तो खून में बिलिरुबिन का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। यह अन्य अंगों में पहुंचकर उनमें भी पीलापन पैदा कर सकता है।

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