कोयला खदानों में किसी तरह की दुर्घटना होने पर उनमें बिना रंग और महक की जहरीली गैसें भर जाती हैं, जो इंसानों के लिए खतरनाक होती हैं. ब्रिटेन में इन गैसों का पता लगाने के लिए पीले पंखों वाली कनारी चिड़िया को कोयला खदानों में तैनात किया जाता था और उनके हावभाव से खदान में गैस की मौजूदगी के खतरे का अंदाजा लगाया जाता था. 30 दिसंबर 1986 को ब्रिटिश सरकार ने अपने देश की कोयला खदानों में जहरीली गैसें पहचानने के लिए तैनात की गई कनारी चिड़िया को इस काम से हटाने का ऐलान किया और इनकी जगह बिजली से चलने वाले डिटेक्टर लगाए गए.

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