द वेस्ट लैंड, टी.एस. एलियट की एक कविता है, जिसे व्यापक रूप से 20 वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण कविताओं में से एक माना जाता है और आधुनिक कविता का एक केंद्रीय कार्य है। 1922 में प्रकाशित, 434-लाइन कविता पहली बार यूनाइटेड किंगडम में अक्टूबर में इलियट के द मानदंड और संयुक्त राज्य अमेरिका में द डायल के नवंबर अंक में दिखाई दी थी। इसे दिसंबर 1922 में पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया था। इसके प्रसिद्ध वाक्यांशों में "अप्रैल सबसे क्रूर महीना है", "मैं आपको मुट्ठी भर धूल में दिखाऊंगा", और संस्कृत भाषा में मंत्र "शांतीति शांतिं शांतिं"। एलियट की कविता, पवित्र कंघी बनानेवाले की रेती और फिशर किंग की समकालीन ब्रिटिश समाज के चित्रों के साथ संयुक्त रूप से अनुसरण करती है। एलियट पश्चिमी कैनन, बौद्ध धर्म और हिंदू उपनिषदों से कई साहित्यिक और सांस्कृतिक गठजोड़ों को नियुक्त करता है। कविता व्यंग्य और भविष्यवाणी की आवाज़ों के बीच बदल जाती है, जिसमें वक्ता, स्थान और समय के अचानक और अघोषित परिवर्तन होते हैं और संस्कृतियों और साहित्य की एक विशाल और असंगत सीमा को जोड़ते हैं।

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