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भूकंप का अध्ययन करने वाले व्यक्ति को क्या कहा जाता है?
भूकम्प के कुछ सेकंड बाद ही आखिर यह कैसे पता चल जाता है कि भूकम्प की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर कितनी थी या इसमें ऐसे कौन से रसायन थे, जो शरीर के लिए हानिकारक हैं। भूकम्प विज्ञान से हमारा परिचय केवल सिस्मोग्राफ से ही हो पाता है जो भूकम्प आने के कुछ क्षणों बाद ही उसकी तीव्रता व अन्य जानकारियां दे देते हैं। परंतु भूकम्प विज्ञान केवल तीव्रता मापना नहीं होता। भूकम्प के बाद की घटनाएं और आने के पूर्व की घटनाएं पर्यावरण में बदलाव के अलावा किस प्रकार के भूकम्प का जान-माल और प्रॉपर्टी पर कैसा असर पड़ता है इसका संपूर्ण अध्ययन भूकम्प विज्ञान के अंतर्गत होता है।
अर्थक्वेक इंजीनियरिंग यानी सीस्मालॉजी एक ऐसा विषय है, जिसमें उच्च अध्ययन करने वाले युवाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं। विज्ञान की इस शाखा के तहत पृथ्वी इसका पर्यावरण, इतिहास, खनिज आदि का अध्ययन किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में इस विषय में अध्ययन करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है। भूकम्प विज्ञान में केवल भूकम्प से संबंधित अध्ययन नहीं बल्कि इससे बचाव कैसे किया जाए और किस तरह के भूकम्प रोधी भवन बनाएं जाएं इसका विशेष अध्ययन किया जाता है। आज देश में जो भी मकान या बड़े बहुमंजिला भवन बनते हैं उन्हें भूकम्परोधी कैसे बनाए जाएं इस बात पर विचार किया जाता है।
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