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सुकरात को मौत की सजा किस प्रकार के पौधे की जबरन अंतर्ग्रहण द्वारा दी गयी थी?
सुकरात के विचारों से एथेन्स का राजतंत्र घबरा गया और उन परदेशद्रोह का इल्जाम लगा कर गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर मुकदमाचलाया गया और मुकदमा सुनने वाली ज्यूरी ने उन्हें 221 के मुकाबले 280 वोटों से देशद्रोह का अपराधी माना. जनमानस पूरी तरह सुकरात के साथथा. इस डर से ज्यूरी ने सीधे मृत्युदण्ड देने के बजाय जहर का प्याला पीनेको कहा गया. सुकरात के दोस्तों ने गार्ड को रिश्वत देकर अपनी ओर मिलालिया. उन्होंने सुकरात को इसके लिए राजी करने का प्रयास किया कि वह जहर का प्याला पीने की जगह एथेन्स छोड़कर कहीं और भाग जाए.
सुकरात ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह मौत सेडरता नहीं था, उन्होंने महसूस किया कि निर्वासन से बेहतर है कि वह एथेंसके एक वफादार नागरिक होने की मिसाल कायम करे, जो उसके कानूनों कापालन करने के लिए तैयार है. सुकरात ने बिना किसी हिचकिचाहट के हीमलकॉक मिश्रण पिया, जो जहर का एक प्रकार है. अपने आखिरी श्वाससे पहले, सोक्रेट्स ने अपनी मृत्यु को शरीर से आत्मा की रिहाई के रूप मेंवर्णित किया।
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