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सुकरात को किस अपराध के लिए मौत की सजा दी गई थी?
संसार के इतिहास में बहुत थोड़े लोग ऐसे हुए हैं, जिनके व्यक्तित्व और जीवन का अपने बाद के लोगों पर इतना प्रभाव पड़ा हो | सुकरात ने सत्य अन्वेषण की बात की, आत्मा के अजर अमर होने की बात की | इन बातों को उस समय के समाज ने युवाओं को पथभ्रष्ट करने वाला कृत्य माना | नतीजतन सुकरात को विष का प्याला पिलाकर मृत्युदंड दिया गया |
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सुकरात का मुक़दमा एथेंस की सारी जनता के सामने हुआ था दूसरे शंब्दों में कहा जाए तो लोकतांत्रिक एथेंस में ही सुकरात का मुक़दमा चला जिसमें एथेंस का हर नागरिक न्यायाधीश के आसन पर बैठा था | सुकरात को 220 के मुकाबले 281 मतों से दोषी करार दिया जाकर मृत्युदंड की सजा सुनाई गई | यहाँ एक मौलिक और तात्विक प्रश्न उठता है कि क्या लोकतंत्र की पद्धति वस्तुतः त्रुटिहीन पद्धति है ? जब क्रीटो ने सुकरात को संसार के जनमत की परवाह करने की सलाह दी तो सुकरात ने उसे एक भीड़ की संज्ञा देते हुए कहा कि -
भीड़ न तो व्यक्ति का उपकार कर सकती है, न अपकार | वह किसी व्यक्ति को न तो ज्ञानी बना सकती है और न ही मूर्ख | भीड़ तो मनमाने ढंग से कार्य करती है |
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www.krantidoot.in
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