बैले एक तरह का प्रदर्शन नृत्य है जिसकी उत्पत्ति 15वीं शताब्दी में इतालवी नवजागरण न्यायालयों में हुई और आगे चलकर फ्रांस, इंग्लैंड और रूस में इसे एक समारोह नृत्य शैली के तौर पर और अधिक विकसित किया गया। इसकी शुरुआत रंगमंचों से पहले हुई और इन्हें बड़े कक्षों में प्रदर्शित किया जाता था जहां ज्यादातर दर्शक, पंक्तियों अथवा दीर्घाओं में डांस फ्लोर के तीनों ओर बैठे होते थे। इसके बाद से यह स्वयं की शब्दावली वाली बेहद तकनीकी नृत्य शैली बन गई। मुख्य तौर पर इसे शास्त्रीय संगीत के साथ ही प्रदर्शित किया जाता है और एक नृत्य के रूप में यह पूरे विश्व में काफी प्रभावशाली है। पूरे विश्व के बैले स्कूलों में बैले नृत्य सिखाया जाता है जहां लोग अपनी संस्कृति और समाज के माध्यम से इस कला के बारे में बताते हैं। बैले नृत्य प्रशिक्षित कलाकारों द्वारा कोरियोग्राफ और प्रदर्शित किया जाता है, जिसमें मसखरी और अभिनय करना भी शामिल है और जो संगीत पर तैयार होता है (आमतौर पर ऑर्केसट्रा के संगीत पर लेकिन कभी-कभार मौखिक भी होता है). यह एक संतुलित शैली का नृत्य है जिसमें कई दूसरी नृत्य शैलियों की आधारभूत तकनीकें भी शामिल होती हैं

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