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वूडू की उत्पत्ति विश्व में कहाँ हुई थी?
डू...इसे आप कोई भी नाम दे सकते हैं क्योंकि यह दुनिया भर की आदिम जातियों, आदिवासियों का प्रारंभिक धर्म रहा है। हर देश में इसका नाम और थोड़े बहुत फेरबदल के साथ तरीका अलग हो सकता है, लेकिन यह है झाड़-फूंक, जादू-टोने, काल्पनिक देवता और कबीले की प्राचीन परंपरा का धर्म।
इसे पूरे अफ्रीका का धर्म माना जा सकता है, लेकिन केरीबी द्वीप समूह में आज भी यह जादू की धार्मिक परंपरा जिंदा है। इसे यहां वूडू कहा जाता है। हाल-फिलहाल बनीन देश का उइदा गांव वूडू बहुल क्षेत्र है। यहां सबसे बड़ा वूडू मंदिर है, जहां विचित्र देवताओं के साथ रखी है जादू-टोने की वस्तुएं। धन-धान्य, व्यापार और प्रेम में सफलता की कामना लिए अफ्रीका के कोने-कोने से यहां लोग आते हैं।
वूडू प्रकृति के पंचतत्वों पर विश्वास करते हैं। जैसा की भारत के आदिवासियों में समूह में गाने और नाचने की परंपरा है वैसा ही वूडू नर्तक परंपरागत ढोल-डमरूओं की ताल पर नाच कर देवताओं का आह्वान करते हैं। ये प्रार्थनागत नाच गाना कई घंटों तक चलता है।
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