यान मार्टेल का उपन्यास 'लाइफ ऑफपाई' देश-विदेश में खूब पढ़ी गई है। इस उपन्यास ने पूरी पीढ़ी को प्रभावित किया है। विश्वप्रसिद्ध फिल्मकार आंग ली ने इसी उपन्यास को फिल्म का रूप दिया है। 3 डी तकनीक के उपयोग से उन्होंने मार्टेल की कल्पना को पर्दे पर धड़कन दे दी है।

पाई अपने परिवार के साथ कनाडा के लिए समुद्र मार्ग से निकला है। रास्ते के भयंकर तूफान में उसका जहाज डूब जाता है। मां-पिता और भाई को डूबे जहाज में खो चुका पाई एक सुरक्षा नौका पर बचा रह जाता है। उस पर कुछ जानवर भी आ गए हैं। आखिरकार नाव पर बचे पाई और बाघ के बीच बने सामंजस्य और सरवाइवल की यह कहानी रोमांचक और रमणीय है। किशोर पाई की [सूरज शर्मा] की कहानी युवा पाई [इरफान खान] सुनाते हैं। अपने ही जीवन के बारे में बताते समय पाई का चुटीला अंदाज कहानी को रोचक बनाने के साथ एक दृष्टिकोण भी देता है।

पाई बचपन से जिज्ञासु और खोजी है। हिंदू परिवार में पैदा हुआ पाई इस्लाम और ईसाई धर्म को भी समझने की

पाई बचपन से जिज्ञासु और खोजी है। हिंदू परिवार में पैदा हुआ पाई इस्लाम और ईसाई धर्म को भी समझने की कोशिश करता है। वह सभी धर्मो की विधियों को अपने आचरण में लाना चाहता है। उसके जीवन में रिचर्ड पार्कर [रॉयल बंगाल बाघ] के अपने के बाद तब्दीली आती है। आंग ली पाई के मानस से चल रहे जीवन के उथल-पुथल को किनारे कर समुद्र यात्रा पर कहानी को केंद्रित किया है। जहाज डूबने के बाद प्रशांत महासागर में बाघ रिचर्ड पार्कर के साथ बिताए पाई के दिनों को मुख्य कथा के रूप में देखते हैं। कैमरमैन क्लाउडियो मिरांडा का कार्य उल्लेखनीय है।

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