दुनिया के सबसे नए धर्म में से एक बहाई धर्म में एक अलग ही कलेंडर को मान्यता मिली हुई है। इस कलेंडर की शुरुआत बहाई मत के मूल प्रवर्तक महान बाब ने की थी। इस कलेंडर को महान बहाउल्लाह और महान अब्दुल बहा ने आगे बढ़ाया। बहाई कलेंडर में 19 महीने होते हैं और हर महीने में 19 दिन होते हैं। इसके अतिरिक्त 4 या 5 दिन अलग से जुड़ते हैं, ताकि सूर्य वर्ष से तालमेल बिठाया जा सके।

बहाई वर्ष के प्रथम दिन को नव-रोज कहते हैं। नया दिन यानि नए दौर की शुरुआत। इस दिन को ईश्वर का अपना दिन माना जाता है। नव-रोज पूरे परिशयन संसार में मनाया जाता है। इस वर्ष की शुरुआत ईरान की जमीन पर हुई थी। नव वर्ष के मौके पर प्रार्थना, नृत्य, संगीत और भोज का विशेष अवसर होता है।

और जानकारी: agaadhworld.in