प्रत्येक दिन मुसलमानों को कितनी बार प्रार्थना करने की आवश्यकता होती है?
नामाज़ (उर्दू: نماز) या सलाह (अरबी: صلوة), नमाज संस्कृत शब्द है, जो उर्दू में अरबी शब्द सलात का पर्याय है। कुरान शरीफ में सलात शब्द बार-बार आया है और प्रत्येक मुसलमान स्त्री और पुरुष को नमाज पढ़ने का आदेश ताकीद के साथ दिया गया है। इस्लाम के आरंभकाल से ही नमाज की प्रथा और उसे पढ़ने का आदेश है। यह मुसलमानों का बहुत बड़ा कर्तव्य है और इसे नियमपूर्वक पढ़ना पुण्य तथा त्याग देना पाप है।
प्रत्येक मुसलमान के लिए प्रति दिन पाँच समय की नमाज पढ़ने का विधान है।
और जानकारी:
hi.wikipedia.org
आपकी राय मायने रखती है