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मच्छर द्वारा संक्रामित बुखार किस रंग का होता है?
पीतज्वर या 'यलो फीवर' (Yellow fever) एक संक्रामक तथा तीव्र रोग हैं, जो सहसा आरंभ होता है। इसमें ज्वर, वमन, मंद नाड़ी, मूत्र में ऐल्वुमेन की उपस्थिति, रक्तस्राव तथा पीलिया के लक्षण होते हैं। इस रोग का कारक एक सूक्ष्म विषाणु होता है, जिसका संवहन ईडीस ईजिप्टिआई (स्टीगोमिया फेसियाटा) जाति के मच्छरों द्वारा होता है। यह रोग कर्क तथा मकर रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीका तथा अमरीका के भूभागों में अधिक होता है।पीतज्वर तीन प्रकार का हो सकता है : हलका, तीव्र तथा दुर्दम्य। हलके प्रकार में तीन चार दिन ज्वर, सिर दर्द, वमन, पीलिया, सेवपीड़ा आदि होते हैं। यह रोग दस दिन रहता है और घातक न हुआ तो रोगी धीरे-धीरे स्वस्थ्यलाभ करता है। आक्रमण दुबारा नहीं होता और अगर हुआ तो घातक होता है। इस रोग से बचाव का उपाय है मच्छरों का विनाश। पीतज्वर के टीके से भी करीब चार वर्ष तक संरक्षण मिलता है। रोग हो जाने पर केवल लाक्षणिक चिकित्सा संभव है। अभी तक इसका कोई विशिष्ट उपचार ज्ञात नहीं है।पीले बुखार से बचने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी टीका मौजूद है, और कुछ देशों में यात्रियों के लिए इसके टीकाकरण की आवश्यकता होती है।
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