फ्रांस का राष्ट्रगान 'ला मार्सेयेज़' दुनिया के सबसे ज्यादा जाने माने राष्ट्रगानों में से एक है.

1792 में लिखा गया ये गीत जल्द ही यूरोप भर में फैल गया था और इसने ग्रीस से लेकर रूस तक के क्रांतिकारियों को प्रेरित किया. हाल के समय में हुए कुछ विद्रोहों के दौरान भी इसे सुना गया. चीन में थ्येन आनमन चौक पर 1989 के विद्रोह के दौरान भी इसे गाया गया.

वैसे इस गीत की तरह इसे रचने वाले क्लोद जोसेफ रोजे दे लिजले को ज्यादा कामयाबी नहीं मिली.

दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने चंद घंटों के भीतर उस वक्त ला मार्सेयेज़ को लिखा और इसका मकसद ऑस्ट्रिया के खिलाफ लड़ाई की तैयारी करने वाले फ्रांसीसी सैनिकों को प्रेरित करना था.

क्लोद जोसेफ रोजे दे लिजले ने 44 साल के अपने जीवनकाल में कोई और यादगार गीत नहीं रचा. एक वक्त तो ऐसा भी था जब उन्होंने पैसे की खातिर फूहड़ गीत लिखने शुरू कर दिए थे.

पूर्वी फ्रांस में बने उनके संग्राहलय में ऐसा ही एक गीत प्रदर्शित किया गया है. वो इतना बेहूदा है कि अगर वहां से बच्चे गुजर रहे हों तो उसके आधे शब्दों को छिपा लिया जाता है.

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