27 जून 1976 को तेल अवीव से पेरिस जा रही एयर फ़्रांस की फ़्लाइट 139 ने एथेंस में रुकने के बाद फिर से उड़ान भरी ही थी कि चार यात्री एकदम से उठे. उनके हाथों में पिस्टल और ग्रेनेड थे.

उन्होंने विमान पर नियंत्रण करने के बाद पायलट को लीबिया के शहर बेनग़ाज़ी चलने का आदेश दिया. इन चार अपहरणकर्ताओं में दो फ़लस्तीनी थे और दो जर्मन.

उस विमान में सफ़र कर रहे जियान हारतुव याद करते हैं कि उन चारों में से एक महिला ब्रिजेत कुलमान ने हैंड ग्रेनेड की पिन निकालकर सारे यात्रियों को धमकाया कि अगर किसी ने भी प्रतिरोध करने की कोशिश की तो वो विमान में धमाका कर देगी.

बेनग़ाज़ी में सात घंटे रुकने और ईंधन लेने के बाद अपहरणकर्ताओं ने पायलट को आदेश दिया कि विमान को युगांडा के एन्तेबे हवाई अड्डे ले जाया जाए.

और जानकारी: www.bbc.com