ईदी अमीन दादा (1925 {सटीक तिथि अज्ञात है} - 16 अगस्त 2003) 1971 से 1979 तक युगांडा का सैन्य नेता एवं राष्ट्रपति था। 1946 में अमीन ब्रिटिश औपनिवेशिक रेजिमेंट किंग्स अफ़्रीकां राइफल्स में शामिल हो गया और 25 जनवरी 1971 के सैन्य तख्तापलट द्वारा मिल्टन ओबोटे को पद से हटाने से पूर्व युगांडा की सेना में अंततः मेजर जनरल और कमांडर का ओहदा हासिल किया। बाद में देश के प्रमुख पद पर आसीन रहते हुए उसने स्वयं को फील्ड मार्शल के रूप में पदोन्नत कर लिया।

अमीन के शासन को मानव अधिकारों के दुरूपयोग, राजनीतिक दमन, जातीय उत्पीड़न, गैर कानूनी हत्याओं, पक्षपात, भ्रष्टाचार और सकल आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जाना जाता था। अंतर्राष्ट्रीय प्रेक्षकों और मानव अधिकार समूहों का अनुमान है कि उसके शासन में 1,00,000 से 5,00,000 लोग मार डाले गए। अपने शासन काल में, अमीन को लीबिया के मुअम्मर अल-गद्दाफी के अतिरिक्त सोवियत संघ तथा पूर्वी जर्मनी का भी समर्थन हासिल था।

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