1 सितम्बर को जंग शुरू हो गई थी. उसी साल की शुरुआत में नोबेल कमिटी को एक पत्र (Link In English) आया, जिसमें हिटलर का नाम भी था. वह एक मजबूत उम्मीदवार था. असल में हिटलर के नाम की किसी ने सिफारिश की थी. बताया जाता है कि यह सिफारिश स्वीडिश पार्लियामेंट की तरफ से हुई थी.

खैर स्वीडन के लोग पत्र में छिपे इस व्यंग्य को समझने में सक्षम नहीं रहे. इसके बाद बहुत बड़ा बवाल खड़ा हो गया था. हिटलर ने और नोबेल कमेटी दोनों ने ही हिटलर का नाम वापस ले लिया था. इस कारण हिटलर को नोबेल मिलते-मिलते रह गया था.

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